पहले तो ये नकद औऱ दस भर सोन तक सीमित था लेकिन अब इसके साथ चार चक्किया ,लड़को के खानदान वालों के लिए #maanyawar का सूट (जो उसके बाप जन्म का सपना है) से लेकर jockey का innerwear तक बारातियों के लिए भी डिमांड होता है । बाकी डिमांड को हम साइड में रखेंगे चर्चा नही करेंगे उसपर ।
अब बात करते हैं मैथिली ठाकुर कॉन्ट्रोवर्सी पर । दूसरे की उन्नति लोंगो से देखी नही जाती और एक दूसरे का टांग खींचना मिथिला के लोंगो की आदत है । मैथिली ठाकुर अपने व्लोग मे अगर कुछ गलत बोल ही दी तो वो बात इग्नोर किया जा सकता था । चूँकि खुद आगे आकर सही नही कर सकते तो विरोध करना सही बात नही है लेकिन आप तो ठहरे मैथिल आप अच्छा नही कर सकते तो दूसरे को खराब बोलेंगे ही ।
हाँ मानता हूँ उसके मिलियन्स फॉलोवर हैं उसे जो बोलना चाहिए सोच समझ कर बोलना चाहिए क्योंकि वो मिथिला को रिप्रेजेंट कर रही है एक बड़े स्टेज पर लेकिन कुछ मैथिलों का आगे आकर विरोध करना कहीं न कहीं मिथिला को ही खोखला बना रहा है और इस तरह के हरकतों के वजह से ही मिथिलांचल दिन पर दिन खोखला होते जा रहा है ।
दूल्हा बेचने वाला बात अगर आपको इतना ही खराब लग गया तो कीजिये दहेज प्रथा का विरोध लेकिन ऊ त आपसे होगा नही क्योंकि आपको बस चुतियागिरी करना है सबके धंधे में ।आ इतने खराब लग गया ये बात आपको तो जिस शादी में दूल्हा बिक्री के नाम पर लेनदेन चल रहा है उस परिवार को समाज से बायकॉट करिये नही त कल फिर कोई और अपने लेख में आपलोगों को गरियके जाएगा और आप सुनके यही करते रहियेगा ।
धन्यवाद
Bd badhiya
ReplyDeleteBhut badhiya h
ReplyDelete